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आबिदा परवीन

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Gham-e-zindgi Se Guzar Gaye

आबिदा परवीन

Hum Ko Yaha.n Dar Dar Phirayaa Yaar Ne

आबिदा परवीन

khushboo Ka Koi Jhonka Ho To Sanso Se Janzir Karu

आबिदा परवीन

Kya Kya Hui Aankho.n Se Khata Me Bhi Janu

आबिदा परवीन

Lahu Lahu Hai Har Ek Sang-e-rehguzar jana.n

आबिदा परवीन

Preetam mat pardes Sudahro

आबिदा परवीन

Sare-e-Sham Usne Muh Se Jo Rukh-e-Naqab Uthaya

आबिदा परवीन

Weh Suurate.n Ilaahi Kis Des bastiaa Hai.n

आबिदा परवीन

Yaar Tha Gulzaar Tha Mai Thi Fazaa Thi

आबिदा परवीन

Yaar Tha Gulzar Tha (Poet:Bahadur Shah Zafar) Singer:Abida Parveen

आबिदा परवीन

mauzu-e-suKHan

गुल हुई जाती है अफ़्सुर्दा सुलगती हुई शाम आबिदा परवीन

आदमी आदमी से मिलता है

आबिदा परवीन

इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है

आबिदा परवीन

ओ देस से आने वाले बता

ओ देस से आने वाला है बता आबिदा परवीन

क़फ़स की तीलियों से ले के शाख़-ए-आशियाँ तक है

आबिदा परवीन

किसी कली ने भी देखा न आँख भर के मुझे

आबिदा परवीन

ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही

आबिदा परवीन

ढूँडोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं नायाब हैं हम

आबिदा परवीन

ढूँडोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं नायाब हैं हम

आबिदा परवीन

तू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं

आबिदा परवीन

तुझ लब की सिफ़त ला'ल-ए-बदख़्शाँ सूँ कहूँगा

आबिदा परवीन

तिरे आने का धोका सा रहा है

आबिदा परवीन

तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए

आबिदा परवीन

दर्द-ए-दिल भी ग़म-ए-दौराँ के बराबर से उठा

आबिदा परवीन

दिल इश्क़ में बे-पायाँ सौदा हो तो ऐसा हो

आबिदा परवीन

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ

आबिदा परवीन

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है

आबिदा परवीन

नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही

आबिदा परवीन

फिर कुछ इक दिल को बे-क़रारी है

आबिदा परवीन

मस्ती में फ़रोग़-ए-रुख़-ए-जानाँ नहीं देखा

आबिदा परवीन

मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता

आबिदा परवीन

ये कौन आता है तन्हाइयों में जाम लिए

आबिदा परवीन

ये जफ़ा-ए-ग़म का चारा वो नजात-ए-दिल का आलम

आबिदा परवीन

वे सूरतें इलाही किस मुल्क बस्तियाँ हैं

आबिदा परवीन

वीरान सराए का दिया है

आबिदा परवीन

वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी

आबिदा परवीन

शहर सुनसान है किधर जाएँ

आबिदा परवीन

हम को याँ दर दर फिराया यार ने

आबिदा परवीन

हम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद

आबिदा परवीन

हम ने सब शेर में सँवारे थे

आबिदा परवीन

रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम

आबिदा परवीन

ले चला जान मिरी रूठ के जाना तेरा

आबिदा परवीन

नुक्ता-चीं है ग़म-ए-दिल उस को सुनाए न बने

आबिदा परवीन

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई

आबिदा परवीन

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

आबिदा परवीन

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