आशू मिश्रा की पैदाइश 4 मई1993 को उतर प्रदेश के अदबी शहर बदायूं में हुई, फ़िलहाल वो बरेली में रहते हैं। उन्होंने कम्प्यूटर साईंस में ग्रेजुएशन किया है, चूँकि उनका स्वभाव बचपन से ही शायराना और दार्शनिक रहा है तो उन्होंने दर्शनशास्त्र में एम.ए की डिग्री हासिल की और वर्तमान में पी.एचडी की तैयारियों में व्यस्त हैं।
आशू मिश्रा अपने लब-ओ-लहजे, उदार विचार और कलात्मक प्रतिभा के आधार पर बहुत जल्द साहित्यिक परिदृश्य पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले नौजवान शायर हैं। उनकी शायरी में सामाजिक, सांस्कृतिक और आलोचनात्मक विषयों के साथ साथ रूमानी रंग भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, इसी वजह से युवाओं के बीच बहुत कम समय में विशेष स्थान प्राप्त कर चुके हैं।
आशू मिश्रा नज़्में भी कहते हैं मगर उनका अस्ल मैदान ग़ज़ल है। उनकी प्रतिनिधि ग़ज़लें रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा सीरीज़ की किताब “क़ाफ़िला-ए-नौ-बहार” में प्रकाशित हो चुकी हैं।