हकीम मोहम्मद अजमल ख़ाँ शैदा
ग़ज़ल 9
अशआर 8
दर्द को रहने भी दे दिल में दवा हो जाएगी
मौत आएगी तो ऐ हमदम शिफ़ा हो जाएगी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
भला तू और घर आए मिरे क्यूँ-कर यक़ीं कर लूँ
तख़य्युल क्यूँ न हो मेरा तिरी आवाज़-ए-पा क्यूँ हो
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
रुख़्सार पर है रंग-ए-हया का फ़रोग़ आज
बोसे का नाम मैं ने लिया वो निखर गए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए