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मीर बाक़र अली की कहानियाँ
बुरा ख़ावंद
यह उन औरतों की कहानी है, जो हर समय अपने पतियों की बुराइयाँ करती रहती हैं और उनमें कमियां तलाश करती हैं। ऐसी ही औरतों के बारे में कहा गया है कि उन्हें सबसे पहले अपने गरीबान में झाँकना चाहिए कि आख़िर पति क्यों उनके साथ बुरा व्यवहार करते हैं? क्या कारण है कि पति अपनी पत्नियों के साथ अच्छा सुलूक नहीं करते? पत्नियाँ इन बातों पर गंभीरता से विचार करेंगी तो जान सकेंगी कि बुराई पतियों में नहीं बल्कि स्वयं उनमें है।
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बाल-साहित्य1990
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