Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Rajab Ali Beg Suroor's Photo'

रजब अली बेग सुरूर

1786 - 1869 | लखनऊ, भारत

उन्नीसवीं सदी के प्रमुख कथाकार/अपनी रचना ‘फ़साना-ए-अजाएब’ के लिए प्रसिद्ध

उन्नीसवीं सदी के प्रमुख कथाकार/अपनी रचना ‘फ़साना-ए-अजाएब’ के लिए प्रसिद्ध

रजब अली बेग सुरूर

अशआर 6

अब है दुआ ये अपनी हर शाम हर सहर को

या वो बदन से लिपटे या जान तन से निकले

नादान कह रहे हैं जिसे आफ़्ताब-ए-हश्र

ज़र्रा है उस के रू-ए-दरख़्शाँ के सामने

लाज़िम है सोज़-ए-इश्क़ का शो'ला अयाँ हो

जल बुझिए इस तरह से कि मुतलक़ धुआँ हो

  • शेयर कीजिए

क्या यही थी शर्त कुछ इंसाफ़ की तुंद-ख़ू

जो भला हो आप से उस से बुराई कीजिए

दम-ए-तकफ़ीन भी गर यार आवे

तो निकलें हाथ बाहर ये कफ़न से

ग़ज़ल 12

पुस्तकें 52

"लखनऊ" के और लेखक

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए