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सफ़ीना बेगम की कहानियाँ
सराब
अफ़साना सराब अपने वतन की मुहब्बत वहाँ की हर शैय से लगाव और उंसीयत को पेश करता है और इस माहौल में परवान चढ़ने वाली मुहब्बत की यादों को किरदार की सूरत-ए-हाल के तनाज़ुर में ख़ूबसूरत अंदाज़ से बयान करता है। अफ़साना बदरुद्दीन जीलानी के बचपन, जवानी, आई. ए. एस. बनने के बाद उधेड़ उम्र को पहुँचने तक का सफ़र है। जीलानी के वालिद उनकी पसंद की शादी न करवा के किसी और लड़की से उनकी शादी कर देते हैं। जो उनके माहौल, रहन-सहन और सोच से मुताबिक़त नहीं रखती। वो अपनी बीवी के साथ कहीं और शिफ़्ट हो जाते हैं लेकिन अक्सर उन्हें अपने वतन की याद सताती रहती है।
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