Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

ज़की तारिक़

ग़ज़ल 9

अशआर 9

हम भी कहने लगे हैं रात को रात

हम भी गोया ख़राब होने लगे

इताब-ओ-क़हर का हर इक निशान बोलेगा

मैं चुप रहा तो शिकस्ता मकान बोलेगा

रोज़ सुनता हूँ मैं हँसने की सदा

कौन ये मेरे सिवा है मुझ में

सिमटे हुए जज़्बों को बिखरने नहीं देता

ये आस का लम्हा हमें मरने नहीं देता

गुमान होता है मुझ को तुम्हारे आने का

हवा इधर से दबे पाँव जब गुज़रती है

पुस्तकें 2

 

वीडियो 10

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
At Baghpat All India Mushaira Kavi Sammelan

ज़की तारिक़

इताब-ओ-क़हर का हर इक निशान बोलेगा

ज़की तारिक़

कौन कहता है गुम हुआ परतव

ज़की तारिक़

तिरे बग़ैर कटे दिन न शब गुज़रती है

ज़की तारिक़

दरीदा-जैब गरेबाँ भी चाक चाहता है

ज़की तारिक़

नूर ये किस का बसा है मुझ में

ज़की तारिक़

बे-मकाँ मेरे ख़्वाब होने लगे

ज़की तारिक़

भरे तो कैसे परिंदा भरे उड़ान कोई

ज़की तारिक़

मेरे ख़्वाबों का कभी जब आसमाँ रौशन हुआ

ज़की तारिक़

सिमटे हुए जज़्बों को बिखरने नहीं देता

ज़की तारिक़

ऑडियो 9

इताब-ओ-क़हर का हर इक निशान बोलेगा

कौन कहता है गुम हुआ परतव

तिरे बग़ैर कटे दिन न शब गुज़रती है

Recitation

"ग़ाज़ियाबाद" के और लेखक

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए