उपनाम : ''राज़''
मूल नाम : विकास शर्मा
जन्म : 13 Dec 1973 | पानीपत, हरयाना
विकास शर्मा 'राज़' का जन्म 13 दिसम्बर,1973 को पानीपत में हुआ । उन्होंने हिन्दू कॉलेज सोनीपत से बी.एस. सी. तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से हिंदी विषय में एम. ए. तथा एम. फिल की । महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से हिंदी साहित्य में पीएच.डी. की ।
ग़ज़ल सुनने का शौक़ उन्हें ग़ज़ल कहने की ओर लेकर आया । उनके नाना पंडित चन्द्रभान 'मफ़्लूक' भी शा'इर थे जो विभाजन के बा'द पाकिस्तान से भारत आए थे । ग़ज़ल का ककहरा उन्होंने स्थानीय शा'इर जनाब नाज़ लायलपुरी से सीखा ।उनकी ग़ज़लों के दो संग्रह - 'बारिश खारे पानी की' (2011) तथा 'हम ज़मीं पर आसमाँ के फूल हैं' (2022) में प्रकाशित हो चुके हैं । 'बारिश खारे पानी की' पुस्तक पर उन्हें हरियाणा साहित्य अकादमी का 'सर्वश्रेष्ठ कृति सम्मान' प्राप्त हुआ । उन्होंने 'क़ाफ़िला-ए-नौ-बहार' नाम से एक ग़ज़ल-संग्रह संकलित एवं संपादित भी किया,जो रेख़्ता पब्लिकेशन्स से प्रकाशित हुआ है । इस संग्रह में नवोदित ग़ज़लकारों की ग़ज़लें हैं ।
वर्तमान में वे निदेशालय,हरियाणा शिक्षा विभाग में हिंदी प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं और सोनीपत में रहते हैं ।