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तमन्नाओं में उलझाया गया हूँ

शाद अज़ीमाबादी

तमन्नाओं में उलझाया गया हूँ

शाद अज़ीमाबादी

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    तमन्नाओं में उलझाया गया हूँ

    खिलौने दे के बहलाया गया हूँ

    हूँ इस कूचे के हर ज़र्रे से आगाह

    इधर से मुद्दतों आया गया हूँ

    नहीं उठते क़दम क्यूँ जानिब-ए-दैर

    किसी मस्जिद में बहकाया गया हूँ

    दिल-ए-मुज़्तर से पूछ रौनक़-ए-बज़्म

    मैं ख़ुद आया नहीं लाया गया हूँ

    सवेरा है बहुत शोर-ए-महशर

    अभी बेकार उठवाया गया हूँ

    सताया के पहरों आरज़ू ने

    जो दम भर आप में पाया गया हूँ

    था मैं मो'तक़िद एजाज़-ए-मय का

    बड़ी मुश्किल से मनवाया गया हूँ

    लहद में क्यूँ जाऊँ मुँह छुपा कर

    भरी महफ़िल से उठवाया गया हूँ

    कुजा मैं और कुजा 'शाद' दुनिया

    कहाँ से किस जगह लाया गया हूँ

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