aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
ज़ाहिदा, ज़ाहिदा ख़ातून शरवानिया (1894-1922) मशहूर शाइरा जो भीखमपुर, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के नवाब घराने में पैदा हुईं। उर्दू के अलावा फ़ारसी और अरबी में भी शेर कहती थीं। 11 साल की उम्र से शाइरी शुरूअ’ की जो जल्द ही पत्रिकाओं में छपने लगी, जिस पर नाम की जगह सिर्फ़ ज़े. ख़े. शीन लिखा होता था। समाज सुधार उनका प्रिय विषय था।