aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
यह किताब नकारात्मक सोच के मसले को हल करती है, यह दलील देते हुए कि बहुत से क़ाबिल अफ़राद सकारात्मक फ़िक्र की कमी की वजह से ज़िंदगी में नाकाम रहते हैं। इसका मक़सद क़ारीन को नकारात्मक सोच के नमूनों को पहचानने और उन पर क़ाबू पाने में मदद देना है ताकि वे एक कामयाब ज़िंदगी गुज़ार सकें, उन्हें "नकारात्मक सोच के अंधेरों" से "सकारात्मक फ़िक्र के उजालों" की तरफ़ ले जा सके।
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here