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लेखक : जिगर बरेलवी

प्रकाशक : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), अलीगढ

प्रकाशन वर्ष : 1960

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : संकलन

पृष्ठ : 64

सहयोगी : ग़ालिब अकेडमी, देहली

intikhab-e-kalam jigar barelvi
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लेखक: परिचय

जिगर बरेलवी एक बाकमाल शाइर, अदीब और आलोचक के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने नये रंग व मिज़ाज की शाइरी के साथ भाषा व साहित्य की समस्या पर भी बहुत इल्मी और शोधपूर्ण सरोकार के साथ लिखा. उनकी किताब ‘सेहत-ए-ज़बान’ नये भाषाई विमर्श से आगाह करती है.
जिगर ने कई विधाओं में शाइरी की. ख़ासतौर से ग़ज़ल, रुबाई और मसनवी उनके भरपूर रचनात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम बनीं. जिगर की रुबाईयों का संग्रह ‘रस’ के नाम से प्रकाशित हुआ.
जिगर ने ‘हदीसे ख़ुदी’ के नाम से अपनी आत्मकथा लिखी. यह आत्मकथा जिगर की ज़िंदगी के दिलचस्प वाक़ेआत और सुंदर भाषाशैली की वजह से बहुत लोकप्रिय हुई. विभिन्न विषयों पर जिगर की और भी कई किताबें प्रकाशित हुईं. जिगर (असल नाम श्याम मोहन लाल) 1890 को बरेली में पैदा हुए थे और 1976 में देहांत हुआ.


 

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