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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इब्राहीम होश

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : अख़बार-ए-मशरिक़ पब्लिकेशन्स, कोलकाता

मूल : कोलकाता, भारत

प्रकाशन वर्ष : 2016

भाषा : उर्दू

श्रेणियाँ : शाइरी

पृष्ठ : 176

सहयोगी : सैयद आमिर अली

jindagi ka mela
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लेखक: परिचय

इब्राहीम होश लोकप्रिय प्रगतिवादी शाइर और पत्रकार के रूप में प्रसिद्ध हैं. 06 मई 1918 को काशीपुर कलकत्ते में पैदा हुए. आरम्भिक शिक्षा मदरसा मुईनुलइस्लाम काशीपुर कलकत्ते से प्राप्त की. 1936 में इस्लामिया कालेज कलकत्ते से इन्ट्रेंस का इम्तिहान पास किया. अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण अपनी शिक्षा अधूरी छोड़कर पत्रकारिता के पेशे से सम्बद्ध होगये और आजीवन पत्रकारिता ही से आजीविका प्राप्त की. होश सिर्फ़ वैचारिक ही नहीं बल्कि व्यवहारिक रूप से भी प्रगतिशील थे. वह मज़दूरों और मेहनतकशों पर पूंजीवादी व्यवस्था के अत्याचार के विरुद्ध हमेशा आवाज़ उठाते रहे. उनकी शाइरी उसी विरोध की एक शक्ल थी. उन्होंने किसी अख़बार या रिसाले को प्रकाशन के लिए कभी अपना कलाम नहीं भेजा और न ही अपनी ज़िन्दगी में कोई संग्रह प्रकाशित किया. 17 अगस्त 1988 को देहांत हुआ.

 

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