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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सय्यद ज़मीर जाफ़री

प्रकाशक : बाब-उल-इल्म, लाहाैर

प्रकाशन वर्ष : 1980

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 170

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

खलियान
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लेखक: परिचय

सय्यद ज़मीर जाफ़री उर्दू में हास्य व्यंग्य के लोकप्रिय शाइरों में से हैं. उनका असल नाम सय्यद ज़मीर हुसैन था. एक जनवरी 1914 को चक अब्दुल खालिक़ ज़िला झेलम में पैदा हुए. गवर्नमेंट हाईस्कूल झेलम और इस्लामिया कालेज लाहौर से शिक्षा प्राप्त की. एक पत्रकार के रूप में व्यवहारिक जीवन को आरंभ किया उसकेबाद फ़ौज में शामिल हो गये और मेजर के पद से सेवानिवृत हुए. रावलपिंडी से ‘बाद-ए-शुमाल’  नाम से एक अख़बार भी निकाला. कुछ अर्से तक इस्लामाबाद के विकास संस्था से सम्बद्ध रहे.
 ज़मीर जाफ़री ने नस्र और नज़्म दोनों विधाओं में लिखा. उनका हास्य ज़िन्दगी के निहायत मार्मिक और संजीदा मसाइल से फूटता है और पाठक को अपने आसपास फैली हुई दुनिया को एक नई और अलग नज़रों से देखने पर आमादा करताहै. उनके प्रकाशनों के नाम ये हैं: ‘कारज़ार’ ‘लहू तरंग’ ‘जज़ीरों के गीत’ ‘मन के तारे’ ‘माफ़िलज़मीर’ ‘विलायती ज़ाफ़रान’ ‘क़रिया-ए-जां’ ‘आग’ ‘इकतारा ‘ज़मिरियात’.
पाकिस्तान सरकार ने 1984 में उन्हें सदारती तम्गये हुस्ने कारकर्दगी सम्मान से नवाज़ा. 12 मई 1999 को न्यूयार्क में देहांत हुआ.

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