aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

संपादक : मोहम्मद शआयरुल्लाह ख़ाँ

प्रकाशक : मकतबा वज़ीरिया, रामपुर

प्रकाशन वर्ष : 1998

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : जीवनी, शाइरी

पृष्ठ : 302

सहयोगी : ग़ालिब इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली

nizam rampuri hayat aur shayari

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