Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : श्री लाल शुकल

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1974

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : नॉवेल / उपन्यास, अनुवाद

उप श्रेणियां : नॉवेल / उपन्यास

पृष्ठ : 335

अनुवादक : राशिद सहसवानी

सहयोगी : रेख़्ता

राग दरबारी
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

’راگ درباری‘ ایک ناول ہے۔ اسے ناول کے فارمیٹ میں لکھا گیا ہے لیکن بعض ناقد اسے ناول کے طور پر قبول کرنے میں تامل کا اظہار کرتے ہیں۔ اس کی وجہ یہ ہے کہ اسے طنزیہ انداز میں پیش کیا گیا ہے۔ اس سے اس بات کی طرف بھی اشارہ ملتا ہے کہ طنز کو کبھی شائستگی کے طور پر تسلیم نہیں کیا جاتا ہے۔ لہٰذا ایسے ناول کو عوامی مقبولیت ملنے دشواری پیش آسکتی ہے۔

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए