aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : आसिम वास्ती

V4EBook_EditionNumber : 001

प्रकाशक : अल-हमद पब्लिकेशन्स, लाहौर

मूल : लाहौर, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 2022

भाषा : Urdu

पृष्ठ : 345

सहयोगी : रेख़्ता

tawassut

लेखक: परिचय

आ’सिम वास्ती ने पाकिस्तान के सरहदी प्रांत के मर्दान क़स्बे में आँखें खोलीं मगर उनका परिवार अंबाला का था। उनके पिता सलाहुद्दीन शौकत वास्ती मश्हूर शाइ’र थे। घर के माहौल से प्रेरणा पा कर आ’सिम वास्ती 11 साल की उ’म्‍र से ही शे’र कहने लगे। 1984 में ता’लीम के लिए इंग्लैंड गए जहाँ उनके दो कविता-संग्रह ‘किरन किरन अंधेरा’(1989) और ‘आग की सलीब’ (1995) प्रकाशित हुए। तीसरा संग्रह ‘तेरा एहसान ग़ज़ल है’ अबू ज़हबी में प्रकाशित हुआ। उनकी चौथी किताब ‘तवस्सुल’ अभी हाल ही में आई है। आ’सिम वास्ती अबू ज़हबी में मेडिकल डाक्टर हैं।

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