aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
यह किताब उर्दू ड्रामा की तारीख़ और इर्तक़ा पर मब्नी है, जो ड्रामा के फ़न, उसके आग़ाज़-ओ-इर्तक़ा, और बर्रे-सग़ीर में उर्दू ड्रामा के मुख़्तलिफ़ अदवार का अहाता करती है। मुसन्निफ़ ने ड्रामा की फ़न्नी हैसियत का जायज़ा लेते हुए क़दीम मिस्री, चीनी, यूनानी और संस्कृत ड्रामाओं का मुवाज़ना भी किया है। यह किताब दरअस्ल मुसन्निफ़ के पी.एच.डी. के तहक़ीक़ी मक़ाले का इब्तिदाई हिस्सा है और इसका मक़सद उर्दू अदब के तलबा की निसाब़ी ज़रूरयात को पूरा करना है।
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here