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फ़ज़ा-ए-शाम ज़िया-ए-सहर उसी से मिली

एहतराम इस्लाम

फ़ज़ा-ए-शाम ज़िया-ए-सहर उसी से मिली

एहतराम इस्लाम

MORE BYएहतराम इस्लाम

    रोचक तथ्य

    श्रेष्ठ उर्दू समीक्षक शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी के नाम

    फ़ज़ा-ए-शाम ज़िया-ए-सहर उसी से मिली

    कशिश हयात को अल-मुख़्तसर उसी से मिली

    उसी से मुझ को मिला इश्तियाक़ मंज़िल का

    मिरे सफ़र को फ़ज़ा-ए-सफ़र उसी से मिली

    बुलंद मर्तबा-ए-मुश्त-ए-ख़ाक उसी ने किया

    तमाम फ़हम-ओ-ज़का-ओ-नज़र उसी से मिली

    ग़ुरूर ख़ुद पे जिसे जिस क़दर भी हो लेकिन

    मिली जिसे भी मता-ए-हुनर उसी से मिली

    उसी ने ज़ुल्मत-ए-गुम-गश्तगी को दूर किया

    तलाश-ए-हक़ को रह-ए-मो'तबर उसी से मिली

    अता करेगा हमें भी वही रिदा-ए-ज़िया

    कि जुगनुओं को क़बा-ए-शरर उसी से मिली

    वो बे-ख़बर है नहीं एहतिराम जिस को ख़बर

    कि आदमी को मिली हर ख़बर उसी से मिली

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    एहतराम इस्लाम

    एहतराम इस्लाम

    स्रोत :
    • पुस्तक : Hazir hai ehteram (पृष्ठ 15)
    • रचनाकार : Ehitaram Islam
    • प्रकाशन : Anjuman Prakashan (2014)
    • संस्करण : 2014

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