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कहे देता हूँ गो है तो नहीं ये बात कहने की

इरफ़ान सत्तार

कहे देता हूँ गो है तो नहीं ये बात कहने की

इरफ़ान सत्तार

MORE BYइरफ़ान सत्तार

    कहे देता हूँ गो है तो नहीं ये बात कहने की

    तिरी ख़्वाहिश नहीं दिल में ज़ियादा देर रहने की

    बचा कर दिल गुज़रता जा रहा हूँ हर त’अल्लुक़ से

    कहाँ उस आबले को ताब है अब चोट सहने की

    रग-ओ-पै में हंगामा करे तो क्या करे आख़िर

    इजाज़त जब नहीं इस रंज को आँखों से बहने की

    बस अपनी अपनी तरजीहात अपनी अपनी ख़्वाहिश है

    तुझे शोहरत कमाने की मुझे इक शे'र कहने की

    जहाँ का हूँ वहीं की रास आएगी फ़ज़ा मुझ को

    ये दुनिया भी भला कोई जगह है मेरे रहने की

    जो कल 'इरफ़ान' पर गुज़री सुना कुछ उस के बारे में

    ख़बर तुम ने सुनी तूफ़ान में दरिया के बहने की

    स्रोत :
    • पुस्तक : Takrar-e-imkaa.n (पृष्ठ 15)
    • रचनाकार : Irfan Sattar
    • प्रकाशन : Dehleez Publication (2016)
    • संस्करण : 2016

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