aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

ग़ज़लें

1810 -1889

हर मौक़े पर याद आने वाले कई शेर देने वाले विख्यात शायर , मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन।

1951 -2019

मशहूर पाकिस्तानी शायर और माहिर-ए-लेसानियात, पाकिस्तान उर्दू लुग़त बोर्ड से वाबस्ता रहे

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए