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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अली हैदर

ग़ज़ल 5

 

अशआर 10

मैं उसे दफ़ना तो आया हूँ मगर रोया नहीं

फ़र्ज़ पूरा कर दिया पर ज़िम्मेदारी रह गई

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रोने वाले कहाँ ये समझेंगे

रो पाने में मसअला क्या है

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ऑफ़िस की फ़ाइलों में तिरी ज़ुल्फ़ का ख़याल

दिल अपने काम से है दिमाग़ अपने काम से

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लोग रुक रुक के लगातार तुझे देखते हैं

जो थे यूसुफ़ के ख़रीदार तुझे देखते हैं

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वो बड़ी ताब बड़े हौसलों वाला लड़का

जब तिरी याद से लड़ता है तो रो देता है

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