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Amjad hyderabadi's Photo'

अमजद हैदराबादी

1878 - 1961 | हैदराबाद, भारत

प्रतिष्ठित शायर, अपनी रुबाई के लिए मशहूर

प्रतिष्ठित शायर, अपनी रुबाई के लिए मशहूर

अमजद हैदराबादी का परिचय

उपनाम : ''अमजद''

मूल नाम : सय्यद अहमद हुसैन

जन्म : 19 Mar 1878 | हैदराबाद, तिलंगाना

निधन : 29 Mar 1961 | हैदराबाद, तिलंगाना

बर्बाद कर बेकस का चमन बेदर्द ख़िज़ाँ से कौन कहे

ताराज कर मेरा ख़िर्मन उस बर्क़-ए-तपाँ से कौन कहे

अमजद हैदराबादी का नाम सैयद अहमद हुसैन था। अमजद तख़ल्लुस करते थे। उनके पिता सूफ़ी सैयद रहीम अली बड़े पहुंचे हुए बुज़ुर्ग थे। उनका देहांत अमजद के बचपन में ही हो गया था। मकतब की आरम्भिक शिक्षा के बाद मदरसा निज़ामिया हैदराबाद में दर्स-ए-निज़ामिया की शिक्षा प्राप्त की। अरबी-फ़ारसी ज़बानों में महारत हासिल की। अमजद ने आर्थिक ज़रूरतों के अधीन पहले दारुलउलूम स्कूल में अध्यापक के रूप में  नौकरी की बाद में रियासत हैदराबाद के प्रबंधक नियुक्त हुए। 1908 में मूसी नदी के सैलाब में उनकी माता बीवी बच्चे काल के गाल में समा गये। यह दुर्घटना अमजद हैदराबादी के लिए बहुत जान लेवा साबित हुई।

अमजद हैदराबादी की शोहरत की बुनियाद उनकी रुबाइयाँ हैं। फ़रमान फ़तहपुरी के अनुसार “अमजद प्रथम व आख़िर रुबाई के शायर हैं”, अमजद ने रुबाई विधा में प्रचूर मात्रा में लेखन किया और इस विधा के मान को बुलंद किया। अमजद की रुबाइयों के विषय सदाचारी, अध्यात्मिक और आदर्शों पर आधारित हैं।

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