अनीस अशफ़ाक़ के शेर
इस पे हैराँ हैं ख़रीदार कि क़ीमत है बहुत
मेरे गौहर की तब-ओ-ताब नहीं देखते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
ये ख़ाना हमेशा से वीरान है
कहाँ कोई दिल के मकाँ में रहा
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
देखा है किसी आहू-ए-ख़ुश-चश्म को उस ने
आँखों में बहुत उस की चमक आई हुई है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
क्यूँ नहीं होते मुनाजातों के मअनी मुन्कशिफ़
रम्ज़ बन जाता है क्यूँ हर्फ़-ए-दुआ हम से सुनो
-
टैग : दुआ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
न मेरे हाथ से छुटना है मेरे नेज़े को
न तेरे तीर को तेरी कमाँ में रहना है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड
उस की मुट्ठी में जवाहिर थे नज़र मेरी तरफ़
और मुझे पैराया-ए-अर्ज़-ए-हुनर आता न था
-
शेयर कीजिए
- सुझाव
- प्रतिक्रिया
- डाउनलोड