Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

बन्द्र इब्न-ए-राक़िम

बन्द्र इब्न-ए-राक़िम के शेर

कुछ ऐसी बन गई तस्वीर उस के दस्त-ए-क़ुदरत से

रहा हैराँ बना कर आप सूरत-आफ़रीं बरसों

इतना ही चाहता हूँ कि मैं और अंदलीब

आपस में दर्द-ए-दिल कहें टुक बैठ कर कहीं

सुना किस ने हाल मेरा कि जूँ अब्र वो रोया

रखे है मगर ये क़िस्सा असर-ए-दुआ-ए-बाराँ

बाग़बाँ नहीं तिरे गुलशन से कुछ ग़रज़

मुझ से क़सम ले छेड़ूँ अगर बर्ग-ओ-बर कहीं

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए