noImage

हनीफ़ साजिद

हनीफ़ साजिद के शेर

इंक़लाब-ए-सुब्ह की कुछ कम नहीं ये भी दलील

पत्थरों को दे रहे हैं आइने खुल कर जवाब

पत्थरों से कब तलक बाँधेगी उम्मीद-ए-वफ़ा

ज़िंदगी देखेगी कब तक जागती आँखों से ख़्वाब

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi

GET YOUR FREE PASS
बोलिए