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जयकृष्ण चौधरी हबीब

1904 | जबलपुर, भारत

उर्दू कवि, फ़ारसी और संस्कृत के विद्वान, स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे

उर्दू कवि, फ़ारसी और संस्कृत के विद्वान, स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे

जयकृष्ण चौधरी हबीब के ऑडियो

ग़ज़ल

jaikrishn chaudhrii habiib

दीपक पंडित

उमीद-ए-दीद काम आए न आए

तलअत अज़ीज़

कभी तवील कभी मुख़्तसर भी होती है

दीपक पंडित

ख़मोश नज़रों से हुस्न-ए-बुताँ की बात करें

जाज़िम शर्मा

जब से नज़र से दूर वो प्यारे चले गए

रूप कुमार राठौड़

दिल को जो अपने बस में न पाऊँ तो क्या करूँ

कुनाल पंडित

प्यार उन को देख कर बे-इख़्तियार आ ही गया

अनवेशा

मिरे दिल में गर्दिश-ए-वक़्त के कई दौर ऐसे गुज़र गए

शेरिया घोशाल

हसीन ख़्वाब नहीं कोई ज़िंदगी की तरह

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