aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Majrooh Sultanpuri's Photo'

मजरूह सुल्तानपुरी

1919 - 2000 | मुंबई, भारत

भारत के सबसे प्रमुख प्रगतिशील गजल-शायर/प्रमुख फि़ल्म गीतकार/दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित

भारत के सबसे प्रमुख प्रगतिशील गजल-शायर/प्रमुख फि़ल्म गीतकार/दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित

मजरूह सुल्तानपुरी के वीडियो

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
Mana shab-e-gham subh ki mehram to nahin hai

मजरूह सुल्तानपुरी

आ ही जाएगी सहर मतला-ए-इम्काँ तो खुला

मजरूह सुल्तानपुरी

गो रात मिरी सुब्ह की महरम तो नहीं है

मजरूह सुल्तानपुरी

चमन है मक़्तल-ए-नग़्मा अब और क्या कहिए

मजरूह सुल्तानपुरी

जला के मिशअल-ए-जाँ हम जुनूँ-सिफ़ात चले

मजरूह सुल्तानपुरी

मुझ से कहा जिब्रील-ए-जुनूँ ने ये भी वहइ-ए-इलाही है

मजरूह सुल्तानपुरी

हमें शुऊर-ए-जुनूँ है कि जिस चमन में रहे

मजरूह सुल्तानपुरी

आह-ए-जाँ-सोज़ की महरूमी-ए-तासीर न देख

मजरूह सुल्तानपुरी

गो रात मिरी सुब्ह की महरम तो नहीं है

मजरूह सुल्तानपुरी

चमन है मक़्तल-ए-नग़्मा अब और क्या कहिए

मजरूह सुल्तानपुरी

जब हुआ इरफ़ाँ तो ग़म आराम-ए-जाँ बनता गया

मजरूह सुल्तानपुरी

जला के मिशअल-ए-जाँ हम जुनूँ-सिफ़ात चले

मजरूह सुल्तानपुरी

जला के मिशअल-ए-जाँ हम जुनूँ-सिफ़ात चले

मजरूह सुल्तानपुरी

ब-नाम-ए-कूचा-ए-दिलदार गुल बरसे कि संग आए

मजरूह सुल्तानपुरी

ब-नाम-ए-कूचा-ए-दिलदार गुल बरसे कि संग आए

मजरूह सुल्तानपुरी

मुझ से कहा जिब्रील-ए-जुनूँ ने ये भी वहइ-ए-इलाही है

मजरूह सुल्तानपुरी

हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुम से ज़ियादा

मजरूह सुल्तानपुरी

हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुम से ज़ियादा

मजरूह सुल्तानपुरी

हमें शुऊर-ए-जुनूँ है कि जिस चमन में रहे

मजरूह सुल्तानपुरी

हमें शुऊर-ए-जुनूँ है कि जिस चमन में रहे

मजरूह सुल्तानपुरी

हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह

मजरूह सुल्तानपुरी

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो
Rehte the kabhi jinke dil mein

Rehte the kabhi jinke dil mein राधिका चोपड़ा

Shaam-e-gham ki qasam

Shaam-e-gham ki qasam तलअत महमूद

Uthaye ja unke sitam aur jiye ja

Uthaye ja unke sitam aur jiye ja लता मंगेशकर

Wo jo mu pher kar guzar jaae

Wo jo mu pher kar guzar jaae भारती विश्वनाथन

हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह

हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह लता मंगेशकर

शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

अन्य वीडियो

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए