aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Navak Hamzapuri's Photo'

नावक हमज़ापुरी

1933 | गया, भारत

नावक हमज़ापुरी

ग़ज़ल 2

 

नज़्म 1

 

रुबाई 8

दोहा 3

मैं हूँ लौह-ए-वजूद पर ऐसा एक सवाल

चुप हैं मेरे जवाब में रोज़ महीने साल

  • शेयर कीजिए

आगे पीछे रख नज़र ज़ाहिर बातिन भाँप

ग़ाफ़िल पा कर डस ले आस्तीन का साँप

  • शेयर कीजिए

उल्फ़त करना दिल लगी तर्क-ए-मोहब्बत खेल

जो समझे वो इश्क़ के इम्तिहान में फ़ेल

  • शेयर कीजिए
 

पुस्तकें 25

"गया" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए