राज़ रामपुरी का परिचय
इम्तियाज़ अहमद ख़ाँ उ’र्फ़ प्यारे ख़ाँ (1883-1918) रामपुर के मश्हूर शाइरों में थे और प्यारे ख़ाँके से ज़ियादा जाने जाते थे। अपने उस्ताद नाम अमीर मीनाई के साथ बहुत वक़्तगुज़ारा जिस का असर उन के कलाम पर नुमायाँ है। आख़िरी दिनों में शे’र- गोई से दिलचस्पीकम हो गई थी। कलाम यकजा करने पर कभी ध्यान नहीं दिया।