aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

ज़फ़र ताबाँ

ज़फ़र ताबाँ

ग़ज़ल 2

 

अशआर 6

कहते हैं इश्क़ का अंजाम बुरा होता है

अब तो कुछ भी हो मोहब्बत का निभाना है हमें

  • शेयर कीजिए

ख़लिश-ए-इश्क़ से बचपन है दिल एक तरफ़

इस पे या-रब ग़म-ए-हस्ती भी उठाना है हमें

  • शेयर कीजिए

याद में तेरी दो-आलम को भुलाना है हमें

उम्र भर अब कहीं आना है जाना है हमें

अब भी ख़ुदा-परस्त है दैर-ओ-हरम की क़ैद में

हाए निगाह-ए-ना-रसा हाए मज़ाक़-ए-ना-तमाम

ख़ूबी शान-ए-दिलबरी ग़म्ज़ा-ओ-नाज़ ही नहीं

हुस्न में वो अदा भी है जिस का नहीं है कोई काम

  • शेयर कीजिए

पुस्तकें 2

 

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए