aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Author: | Shah Turab Ali Qalandar |
Language: | Hindi |
Publisher: | Rekhta Publication |
Year: | 2023 (1st Edition) |
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About the Book: शाह तुराब अली क़लंदर के फ़ारसी, उर्दू और हिन्दवी कलाम का संग्रह "जोगिया रंग की बहार" पहली बार हिंदी पाठकों के समक्ष आ रहा है, जिस में शाह तुराब द्वारा लिखे गए प्रसिद्ध कलाम शामिल हैं. इसमें हम्द, ना'त और मंक़बत के अतिरिक्त ग़ज़लें, बसंत, होली, गीत और बाबुल शामिल है। किताब का संपादन सुमन मिश्र ने किया है।
About the Author: शाह तुराब अली क़लंदर लखनऊ के क़स्बा काकोरी में अठारहवीं सदी ईसवी में पैदा हुए। वो सूफ़ी घराने से तअल्लुक़ रखते थे। उनके पिता शाह काज़िम क़लंदर प्रसिद्ध सूफ़ी थे। उनके दोहे और ठुमरियाँ आज भी बेहद पसंद की जाती हैं। ब्रजभाषा में उनके गीत कई दरवाज़े खोलते हुए दिखाई देते हैं। कुल्लियात, अमृत रस, मुजाहदात-उल-औलिया वग़ैरा उनकी महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं । 1767 मैं पैदा हुए और1858 में मृयु हुई।