aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Author: | Ali Akbar Natiq |
Language: | Hindi |
Publisher: | Rekhta Publications |
Year: | 2023 (1st Edition) |
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About the Book: प्रस्तुत उपन्यास "नौलखी कोठी" हिन्दुस्तान में अंग्रेज़ी सरकार के शासन और उसके बाद के दौर में बदलते सामाजिक हालात की कहानी है। इंग्लैंड में आठ लम्बे साल गुज़ारने के बाद विलियम विभाजन-पूर्व पंजाब में जलालाबाद के नवनियुक्त सहायक आयुक्त के रूप में हिन्दुस्तान लौट आता है। वो अपने दादा द्वारा बनवाए गए आलीशान बंगले नौलखी कोठी में अपने 'घर' लौटने का सपना देखता है, लेकिन घटनाओं का एक अपरिवर्तनीय मोड़ उसका इन्तिज़ार कर रहा है, जो न केवल उसकी क़िस्मत बदल देता है, बल्कि ज़मीन की क़िस्मत भी हमेशा के लिए बदल देता है। अली अकबर नातिक़ का ये उपन्यास, "नौलखी कोठी", उस समय की युगचेतना का एक व्यावहारिक चित्रण है। ये कहानी विभाजन से पहले के वर्षों में शुरू होती है और अस्सी के दशक तक चलती है।