aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Author: | Comp. - Raiyan Abulolai |
Language: | Hindi |
Publisher: | Rekhta Publications |
Year: | 2023 (1st Edition) |
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About the Book: मशहूर कव्वाल नुसरत फ़तेह अली ख़ान द्वारा पढ़ी गई क़व्वालियों के संकलन का प्रयास हिन्दी तो क्या उर्दू में भी नहीं हुआ. हिन्दी में पहली बार नुसरत के प्रचलित कलाम का एक नायाब संग्रह है, इस किताब में नुसरत की जीवनी और उनके द्वारा पढ़े गए 300 से ज़्यादा उर्दू और फ़ारसी कलाम संकलित हैं. कलाम के साथ-साथ कवियों की तफ़सील भी दे दी गई है।
About the Author:18 जून 1997 में ख़ानक़ाह सज्जादीया अबुलउलाईया, दानापुर (पटना) में जन्मे रय्यान अबुलउलाई, प्रसिद्ध सूफ़ी शाइर हज़रत शाह अकबर दानापूरी की वंश परंपरा से आते हैं। रय्यान अबुलउलाई एक गंभीर अध्येता है और उनके सैकड़ों आलेख सूफ़ीवाद, सूफ़ी परंपरा के विषय पर छप चुके हैं। वर्तमान में वे रेख़्ता फ़ाउंडेशन के उपक्रम सूफ़ीनामा से संबद्ध हैं।