aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Author: | Shaheen Abbas |
Language: | Hindi |
Publisher: | Rekhta Publications |
Binding: | Paperback (125 pg) |
Year: | 2018 (1st Edition) |
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शाहीन अब्बास की ग़ज़लें दुनियावी चीज़ों को एक बिल्कुल नए नज़रिए से देखती है| कई बार ये नज़रिया काल्पनिक होता है तो कई बार मनोवैज्ञानिक| इंसानी रिश्तों के बारे में उनके शेर मानवीय संवेदनाओं की कई परतें खोलते हैं| उनके शेरों की पढ़कर कई बार ये एहसास हॉता है कि बिल्कुल यही बात हम भी कहना चाहते थे मगर इन शेरों ने उस बात को ज़बान दे दी है| "शाम के बाद कुछ नहीं" शाहीन अब्बास की चुनिन्दा शायरी का संकलन है जो पहली बार देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और इसे पाठकों का भरपूर प्यार मिला है|