About This Book
Thodi So Pi Li Hai by Faiz / Illustration By - Vikram Nayak
शायर के बारे में:
सय्यद अकबर हुसैन इलाहाबादी 16 नवंबर 1846 ई. को ज़िला इलहाबाद के क़स्बा बारह में पैदा हुए। वालिद तफ़ज़्ज़ुल हुसैन नायब तहसीलदार थे। अकबर की आरम्भिक शिक्षा घर पर हुई। उन्होंने अंग्रेज़ी में कुछ महारत हासिल की और 1867 ई. में वकालत का इम्तिहान पास कर लिया। उन्होंने तीन साल तक वकालत की। 1873 ई. में उन्होंने हाईकोर्ट की वकालत का इम्तिहान पास किया और थोड़े ही अरसे में उनकी नियुक्ति मुंसिफ़ के पद पर हो गई। ।1888 ई.में उन्होंने सब-ऑर्डिनेट जज और फिर ख़ुफ़िया अदालत के जज के पद पर तरक्क़ी पाई और अलीगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर उनके तबादले होते रहे। 1905 ई.में वो सेशन जज के ओहदे से रिटायर हुए और बाक़ी ज़िन्दगी इलाहाबाद में गुज़ारी।
अकबर इलाहाबादी हिन्दुस्तानी ज़बान और हिन्दुस्तानी तहज़ीब के बड़े मज़बूत और दिलेर शायर थे। उनके कलाम में उत्तरी भारत में रहने-बसने वालों की तमाम मानसिक व नैतिक मूल्यों, तहज़ीबी कारनामों, राजनीतिक आंदोलनों और हुकूमती कार्रवाइयों के भरपूर सुराग़ मिलते हैं। अकबर की शायरी ज़माने और ज़िन्दगी का आईना है। उनका अन्दाज़-ए-बयान कहीं-कहीं क़लन्दराना, कहीं शायराना, कहीं तराश-ख़राश के साथ, कहीं सादा, कहीं पारम्परिक और कहीं आधुनिक और इंक़िलाबी है। अकबर पारम्परिक होते हुए भी बाग़ी थे और बाग़ी होते हुए भी सुधारवादी।
चित्रकार के बारे में:
विक्रम नायक दिल्ली के जाने-माने विपुल ललित कलाकार हैं, जो अपने दृश्य संचार की प्रत्यक्षता और ऊर्जा के लिए उल्लेखनीय हैं। एक छात्र और पेशेवर कलाकार के रूप में, विक्रम को 2डी कला रूपों में अपने कौशल और गतिविधियों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। वह एक ठोस और व्यापक करियर की स्थापना कर रहे हैं जो सामुदायिक सम्बन्धों और वाणिज्य की नैतिकता पर चर्चा करने के लिए एक मज़बूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। प्रदर्शनियों और आयोगों ने उनकी कला को ग्रीस, बैंकॉक, ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस, जर्मनी, अमेरिका और नीदरलैंड में प्रदर्शित किया है।
किताब के बारे में:
'प्रस्तुत किताब 'थोड़ी सी जो पी ली है' में अकबर इलाहाबादी के मशहूर कलाम को ललित कलाकार विक्रम नायक के चित्रों के माध्यम से अभिव्यक्त करने की कोशिश की गई है। ये अपने आप में एक नया और अनोखा प्रयोग है जिसमें पढ़ने वाले शेर के साथ-साथ रेखाचित्रों का भी आनन्द उठा सकेंगे।