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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Umrao Jaan Ada

Product Details

Author: Mirza Hadi Ruswa
Language: Hindi
Publisher: Rekhta Publications
Year: 2022 (1st Edition)

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About This Book

उन्नीसवीं सदी की मशहूर तवायफ़ उमराव जान ‘अदा’ लखनऊ और आस-पास के इलाक़ों की ख़ास महफ़िलों की रौनक़ हुआ करती थी। उसकी ख़ूबसूरती, शोख़ अदाओं, नाच-गाने और शायरी के मद्दाहों में उस ज़माने के ख़ानदानी रईस, जोशीले नवाबज़ादे और नामी ग़ुण्डे तक शामिल थे। लेकिन फ़ैज़ाबाद के एक जमादार की बेटी अमीरन के मशहूर तवायफ़ उमराव जान बनने की कहानी काफ़ी अफ़सोसनाक है और पढ़ने वाले इसे पढ़ते हुए जज़्बाती हो उठते हैं। इस कहानी को मिर्ज़ा हादी रुस्वा ने इस तरह से बयान किया है कि उमराव जान की ज़िन्दगी के सफ़र का हर मंज़र हमारी आँखों के सामने ज़िन्दा हो उठता है। इस किताब को पहली बार 1899 में छापा गया था और उसके बाद से इस कहानी को कई बार किताबों और फ़िल्मों की शक्ल में सामने लाया जा चुका है मगर लोगों में इसकी दिलचस्पी आज भी बरक़रार है।

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