आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",KaOe"
अत्यधिक संबंधित परिणाम ",Kaoe"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम ",Kaoe"
अन्य परिणाम ",Kaoe"
नज़्म
व-यबक़ा-वज्ह-ओ-रब्बिक (हम देखेंगे)
जब अर्ज़-ए-ख़ुदा के काबे से
सब बुत उठवाए जाएँगे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
मेरे काबे को जबीनों से बसाया किस ने
मेरे क़ुरआन को सीनों से लगाया किस ने
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
जब शहर के लोग न रस्ता दें क्यूँ बन में न जा बिसराम करे
दीवानों की सी न बात करे तो और करे दीवाना क्या