आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",tOTC"
अत्यधिक संबंधित परिणाम ",toTc"
नज़्म
औरत
तेरी ख़ातिर है जो ज़ंजीर वो सौगंद भी तोड़
तौक़ ये भी है ज़मुर्रद का गुलू-बंद भी तोड़
कैफ़ी आज़मी
शेर
माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत
है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे ने'मत
अल्ताफ़ हुसैन हाली
अन्य परिणाम ",toTc"
ग़ज़ल
जावेद अख़्तर
नज़्म
वालिदा मरहूमा की याद में
ने मजाल-ए-शिकवा है ने ताक़त-ए-गुफ़्तार है
ज़िंदगानी क्या है इक तोक़-ए-गुलू-अफ़्शार है
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
मर गई सर्व पे जब हो के तसद्दुक़ क़ुमरी
उस से उस दम भी न तौक़ अपने गुलू का निकला