आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "بلال"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "بلال"
नज़्म
शिकवा
नाले बुलबुल के सुनूँ और हमा-तन गोश रहूँ
हम-नवा मैं भी कोई गुल हूँ कि ख़ामोश रहूँ
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
उस की याद की बाद-ए-सबा में और तो क्या होता होगा
यूँही मेरे बाल हैं बिखरे और बिखर जाते होंगे
जौन एलिया
शेर
आज भी नक़्श हैं दिल पर तिरी आहट के निशाँ
हम ने उस राह से औरों को गुज़रने न दिया
अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "بلال"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "بلال"
मर्सिया
मातम के नील सीने पे रोने से आँखें लाल
मुँह ज़र्द होंट ख़ुश्क परेशान सर के बाल
मिर्ज़ा सलामत अली दबीर
ग़ज़ल
ज़ख़्म-ए-फ़ुर्क़त को तिरी याद ने भरने न दिया
ग़म-ए-तंहाई मगर रुख़ पे उभरने न दिया
अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन
ग़ज़ल
मुझ से पूछे तो कोई तेरे ग़ुलामों का 'उरूज
बादशाहों से भी रुत्बे में बिलाल अच्छा है
मोहम्मद यूसुफ़ रासिख़
ग़ज़ल
यही दुआ है मिरी रब्ब-ए-दो-जहाँ से 'बिलाल'
किसी से अहद करूँ गर तो फिर निभाऊँ उसे