हारिस बिलाल
ग़ज़ल 22
अशआर 15
अच्छा तिरी नज़र में बहुत मुख़्तलिफ़ हूँ मैं
यानी तिरी नज़र में कोई दूसरा भी है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere