aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "جوتے"
जॉय एंड जॉय प्रिंटर्स, हैदराबाद
पर्काशक
नवजोत पुब्लिकेशन्स मालेरकोटला, पंजाब
प्रभजोत कौर
1924 - 2016
लेखक
“उई ख़ुदा ख़ैर करे बुआ! पूरे दस साल निगल रही हो! अल्लाह रक्खे ख़ाली के महीने में पूरे पच्चास भर के...” अल्लाह! बेचारी इम्तियाज़ी फुफ्फो बोल के पछताईं। शुजाअ'त मामूँ की पाँच बहनें एक तरफ़ और वो निगोड़ी एक तरफ़। और माशा-अल्लाह पाँचों बहनों की ज़बानें बस कंधों पर पड़ी...
(1) रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद आज ईद आई। कितनी सुहानी और रंगीन सुब्ह है। बच्चे की तरह पुर-तबस्सुम दरख़्तों पर कुछ अ'जीब हरियावल है। खेतों में कुछ अ'जीब रौनक़ है। आसमान पर कुछ अ'जीब फ़िज़ा है। आज का आफ़ताब देख कितना प्यारा है। गोया दुनिया को ईद...
कई दिन से तरफ़ैन अपने अपने मोर्चे पर जमे हुए थे। दिन में इधर और उधर से दस बारह फ़ायर किए जाते जिनकी आवाज़ के साथ कोई इंसानी चीख़ बुलंद नहीं होती थी। मौसम बहुत ख़ुशगवार था। हवा ख़ुद रो फूलों की महक में बसी हुई थी। पहाड़ियों की ऊंचाइयों...
वो जब स्कूल की तरफ़ रवाना हुआ तो उसने रास्ते में एक क़साई देखा, जिसके सर पर एक बहुत बड़ा टोकरा था। उस टोकरे में दो ताज़ा ज़बह किए हुए बकरे थे खालें उतरी हुई थीं, और उनके नंगे गोश्त में से धुआँ उठ रहा था। जगह जगह पर ये...
झूरी काछी के पास दो बैल थे। एक का नाम था हीरा और दूसरे का मोती। दोनों देखने में ख़ूबसूरत, काम में चौकस, डीलडौल में ऊँचे। बहुत दिनों से एक साथ रहते रहते, दोनों में मुहब्बत हो गई थी। जिस वक़्त ये दोनों बैल हल या गाड़ी में जुते जाते...
मीराजी उर्दू अदब में अपने बिल्कुल मुख़्तलिफ़ रंग के लिए जाने जाते हैं। उनकी शायरी में इन्सानी वुजूद, उसके कर्ब और अज़िय्यत की रूदाद और मौजूदगी का बैन सुनाई देता है। हमने, उर्दू शायरी के बा-ज़ौक़ क़ारिईन के लिए मीराजी की दस बेहतरीन नज़्मों का इन्तेख़ाब किया है। पढ़िए और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कीजिए।
यहाँ 10 ऐसी ग़ज़लें दी जा रही हैं, जिसे सुनते हुए हम अतीत के साए में खो जाते हैं |
अहमद फ़राज़ पिछली सदी के प्रख्यात शायरों में शुमार किए जाते हैं। अपने समकालीन में बेहद सादा और अद्वितीय शैली की वजह से उनकी शायरी ख़ास अहमियत की हामिल है। रेख़्ता फ़राज़ के 20 लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा पढ़े गए शेर पेश कर रहा है जिसने पाठकों पर जादू ही नहीं किया बल्कि उनके दिलों को मोह लिया । इन शेरों का चुनाव बहुत आसान नहीं था। हम जानते हैं कि अब भी फ़राज़ के बहुत से लोकप्रिय शेर इस सूची में नहीं हैं। इस सिलसिले में आपकी राय का स्वागत है। अगर हमारे संपादक मंडल को आप का भेजा हुआ शेर पसंद आता है तो हम इसको नई सूची में शामिल करेंगे।उम्मीद है कि आपको हमारी ये कोशिश पसंद आई होगी और आप इस सूची को संवारने और आरास्ता करने में हमारी मदद करेंगें ।
जूतेجُوتے
पैरों की रक्षा के लिए कपड़े, चमड़े आदि का बना पैरों का पहनावा, पदत्राण; पनही
होतेہوتے
पृथक्
जातेجاتے
go, move
जोतेجوتے
ploughed
Manhoos Joote
अननोन ऑथर
अफ़साना
Urdu Adab Main Joote
मनाज़िर आशिक़ हरगानवी
शोध एवं समीक्षा
Surkh Jute
क़ुदसिया ज़ैदी
कहानियाँ
Ham Jeete-Ji Masroof Rahe
आग़ा नासिर
Shiddat
मैराज नक़वी
ग़ज़ल
Ju-e-Khoon
एम.असलम
इतिहास
Pyasi Dharti Jalte Saye
आरिफ़ नक़वी
Jaate Huye Lamho
महेंद्र प्रताप चाँद
काव्य संग्रह
Sharab Khori Aur Juye Baazi Ki Kharabiyan
ख़्वाजा हसन निज़ामी
इस्लामियात
Joo-e-Rawan
ताहिर हमीद तनोली
कैटलॉग / सूची
Chandi Ka Joota
सफ़िया सुल्ताना सिद्दीक़ी
कहानी
Jalte Bujhte Log
असलम राही
नॉवेल / उपन्यास
Jeeteg Bhayi Jeetega
आज़म तारिक़ कोहिस्तानी
विज्ञान
Soivet Union Mein Sanati Jhagde Kaise Nibtaye Jate Hain
जी. एल. कोलोकोलोफ़
अभी चमके नहीं 'ग़ालिब' के जूतेअभी नक़्क़ाद पॉलिश कर रहे हैं
दाऊ जी बड़े प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरते जाते थे और कह रहे थे, "बस अब चुप कर शाबाश मेरा अच्छा बेटा। इस वक़्त ये तर्जुमा कर दे, फिर नहीं जगाऊंगा।" आँसुओं का तार टूटता जा रहा था। मैंने जल कर कहा, "आज हरामज़ादे रानो को पकड़ कर...
याद नहीं कब उसके शबनमी दुपट्टे बने, टके तैयार हुए और गाड़ी के भारी क़ब्र जैसे संदूक़ की तह में डूब गए। कटोरियों के जाल धुँदला गए। गंगा-जमुनी किरनें माँद पड़ गईं। तूली के लच्छे उदास हो गए मगर कुबरा की बरात ना आई। जब एक जोड़ा पुराना हो जाता...
वह कह रहे थे कि ख़ुदा ग़रीक़-ए-रहमत करे, मरहूम ने इतनी लम्बी उम्र पाई कि उनके क़रीबी अइ'ज़्ज़ा दस-पंद्रह साल से उनकी इंशोरेंस पालिसी की उम्मीद में जी रहे थे। उन उम्मीदवारों में बेश्तर को मरहूम ख़ुद अपने हाथ से मिट्टी दे चुके थे। बक़िया को यक़ीन हो गया था...
बच्चों का बाप मुस्कुराता है, “जितने कहो, बस यही बात थी?” बड़े तल्ख़ लहजे में चिरंजी की बीवी कहती है, “बस यही बात थी लेकिन मुझे सिर्फ़ झुमके ही नहीं चाहिए, नाक के लिए कील, हाथों के लिए कंगनियाँ, कड़े, गले के लिए हार, माथे के लिए झूमर, पांव के...
“पानी नहीं, औरत!” ये कह कर ज्ञान नीम अंधेरे कोरिडोर में दाख़िल हुआ, उसके पीछे एक छोटे से क़द की लड़की थी। ज्ञान को फ़र्श पर फैले हुए पानी का कुछ एहसास न हुआ। लड़की ने पायजामा ऊपर उठा लिया और छोटे छोटे क़दम उठाती ज्ञान के पीछे चली गई।...
क़ैदी ने मुलतजियाना लहजे में कहा, “दारोगा जी! लालटेन पकड़ता हूँ, मैं नहीं चाहता कि इस मासूम और बेगुनाह को एक क़ातिल के हाथ छू जाएं।” वार्डन ये सुनकर गरजा, “बेगुनाह के बच्चे... जासूस को मासूम कहता है।”...
फिर अपने पोपले मुँह से मुस्कुराकर उसने पूछा था, “तुम्हें दिखाऊँ?” “न माई!”, राहताँ ने डर कर कहा था, “ख़ाक-ए-पाक झड़ गई तो!”...
गुड़िया के जूतेजंपर जुराबें
सुब्ह मैं गली के दरवाज़े में खड़ी सब्ज़ी वाले से गोभी की क़ीमत पर झगड़ रही थी। ऊपर बावर्ची-ख़ाने में दाल चावल उबालने के लिए चढ़ा दिए थे। मुलाज़िम सौदा लेने के लिए बाज़ार जा चुका था। ग़ुस्ल-ख़ाने में वक़ार साहिब चीनी की चिलमची के ऊपर लगे हुए मद्धम आईने...
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