आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "لحن"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "لحن"
कहानी
ये हिकायत मैंने सुनी और सवाल किया, “या शेख़ आ’लिम की पहचान क्या है?” फ़रमाया, “उस में तमअ’ न हो।”...
इन्तिज़ार हुसैन
तंज़-ओ-मज़ाह
सिराज अहमद अलवी
नज़्म
इंक़लाब
मुझ को तेरे लहन-ए-दाऊदी से कब इंकार है
बज़्म-ए-हस्ती का मगर क्या रंग है ये भी तो देख
असरार-उल-हक़ मजाज़
अन्य परिणाम "لحن"
नज़्म
आज की दुनिया
हर हर शिकस्त-ए-साज़ में है लहन-ए-सरमदी
या ज़िंदगी के गीत अजल गा रही है आज
फ़िराक़ गोरखपुरी
कहानी
शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी
ग़ज़ल
जोश मलीहाबादी
हास्य
तू ये कहता है लहन-तर हो कोई ताज़ा ग़ज़ल
मैं ये कहता हूँ कि बर-ख़ुरदार मैं रोज़े से हूँ