aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "مخبر"
मुख़बिर प्रेस, मुरादाबाद
पर्काशक
सय्यद मुदब्बिर अली ज़ैदी
लेखक
मतबा मतबर बलास, लाहौर
शैख़ ज़ाकिर हुसैन मुदब्बीर
मिम्बर का नुह फ़लक से भी पाया बुलंद थाअसहाब-ए-ख़ास गिर्द थे अंजुम की तरह सब
اٹھ کر زمیں سے پانچ جو بھاگے تو دس گرےمخبر پہ پیک پیک پر مرکر گرے
جس دم یہ خبر مخبر صادق نے سنائیاسما اسے اک پارچۂ نرم پہ لائی
उन दोनों ने अपनी बेगुनाही के बहतेरे सबूत दिए मगर पुलिस ने एक न सुनी। बाक़ी के लोग पुलिस के इस अचानक धावे से ऐसे दम-ब-ख़ुद रह गए थे कि किसी के मुँह से एक लफ़्ज़ तक न निकला। सिपाहियों ने बड़ी होशियारी के साथ पहले सबको बैठक से नीचे...
निर्मला के बाप ने हमारी अज़्दवाजी ज़िंदगी को माली उलझनों से निकाल कर उसे बेहद ख़ुशगवार बना दिया है। शादी में उसने मुझे एक आलीशान फ़्लैट दिया एक गाड़ी दी, बम्बई के सबसे महंगे क्लब की मेंबर-शिप दी, और मिन-जुमला हर तरह के सामान-ए-तअईश और लिबास-ए-फ़ाखिरा के साथ एक ख़ूबसूरत...
मुख़्बरمخبر
informer
मुख़्बिरمخبر
informer, spy
अख़बार मुख़्बिर-ए-आलम मुरादाबाद और तहरीक-ए-आज़ादी
इम्दाद साबरी
राजनीतिक आंदोलन
मुअब्बिर
सलाम बिन रज़्जाक़
मुख़बिर-ए-इश्क़
रंज हैदराबादी
दीवान
Qarn-e-Awwal Ka Ek Mudabbir
ख़ुर्शीद अहमद फ़ारिक़
Arab Ke Teen Mudabbir
उमर अबु-अल-नसर
Aap Beeti Number
मोहम्मद तुफ़ैल
Jun 1964नुक़ूश, लाहौर
Mukhbir-ul-Wasileen
अबू अब्दुल्लाह अल-हुसैन
मसनवी
Mukhbar-e-Ishq
मीर मोहम्मद अली मोस्वी
शाइरी
Ramzan-ul-Mubarak Tarbiyat Aur Insan Sazi Ka Maheena
Muabbir
अफ़साना
Salateen-e-Maibar
हकीम सैयद शम्सउल्लाह क़ादरी
Fikri Adab
Halwai Membar Ka Eilan
मुंशी मुश्ताक़ अहमद
बरसात ख़त्म हुई तो एक तमाशा हुआ। जोगिया ने घर में बड़ों के वक़्त के कुछ अक़ीक़ बेच डाले, और मेरी लिपस्टिक के साथ मैच करती हुई साढ़ी ख़रीद ली। इस बात का मुझे कहाँ पता चलता? लेकिन हमारे घर में एक मुख़्बिर थी, जोगिया की सहेली, हेमा। जोगिया ने...
चोर ऐसा मुख़्बिर ऐसा चाहिएमुझ को दिलबर का पता दिल से मिला
तहज़ीब ने ये कैसा मुख़्बिर लगा रखा हैहर लम्हा साथ घर की दीवार चल रही है
उन लोगों की ज़िंदगी जिहालत का मुरक़्क़ा है। उन्होंने गु़लामी की फ़िज़ा में परवरिश पाई है लेकिन वो यक़ीनन आज़ादी की लज़्ज़त महसूस करते हैं। ’’मुझे अपनी बे-ख़ानमाँ और आवारा ज़िंदगी पसंद है। बेशतर औक़ात सर्दी ने मेरी रगों में ख़ून मुंजमिद किया है। मैंने फ़ाक़े खींचे हैं, लेकिन आज़ादी...
الفاظ ضلع کچہری کی صحیح تصویر نہیں کھینچ سکتے۔۔۔ یہاں کی فضا الگ۔ یہاں کا ماحول الگ۔ یہاں کی زبان الگ۔ یہاں کی اصطلاحات الگ۔۔۔ عجیب و غریب جگہ ہے۔ خدا اس سے دور ہی رکھے۔ آپ کو نقل لینی ہو تو درخواست کے ساتھ ’’پہیے‘‘ لگانے پڑیں گے۔ کوئی...
लाला तेजभान इंस्पेक्टर ने दफ़्तर-ए-आबकारी में मुल्तान के चुने हुए मुख़बिरों से मेरा तआ'रुफ़ कराया और जब वह ज़र्द चेहरों और मैली आँखों के इस क़तार के आख़िर में पहुँचे तो बोले, “यह ख़ादू है।” सब मुख़बिर मुतआ’रिफ़ होने के बा'द बाहर चले गए और अब हमारे सामने सिर्फ़ ख़ादू...
हमारे आँजहानी बादशाह हज़रत बाज़फ़ादी के वक़्त में दो बातें राइज थीं। एक तो ये कि हर माल की फ़रोख़्त पर एक फ़ीसदी महसूल लिया जाता था, दूसरे ये कि अगर किसी ताजिर को नुक़्सान हो जाता था तो उसे सरकारी खज़ाने से एक बरस के लिए बिला सूद क़र्ज़...
“अगर हमें झिंझोड़ कर जगाने के बा’द मंटो ने हमें इंसानी फ़ितरत और इंसानी मुआ’शरे का कोई तमाशा नहीं दिखाया, अगर उसने हमारे अंदर ज़िंदगी का कोई नया शऊ’र पैदा नहीं किया तो फिर हम उसे गालियाँ देने में हक़-ब-जानिब होंगे कि उसने हमें चैन से सोने भी न दिया।...
دفترِ شاہی میں میرا نام مندرج نہیں نکلا۔ کسی مخبر نے نسبت میرے کوئی خبر بدخواہی کی نہیں دی۔ حکام وقت میرا ہونا شہر میں جانتے ہیں۔ فراری نہیں ہوں۔ روپوش نہیں ہوں۔ بلایا نہیں گیا۔ داروگیر سے محفوظ ہوں۔ کسی طرح کی باز پرس ہوتو بلایا جاؤں مگر ہاں...
आग न दरबारों तक पहुँचीमुख़्बिर एक शरारा निकला
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