आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ناقوس"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "ناقوس"
ग़ज़ल
अज़ाँ देते हैं बुत-ख़ाने में जा कर शान-ए-मोमिन से
हरम के नारा-ए-नाक़ूस हम ईजाद करते हैं
चकबस्त बृज नारायण
नज़्म
ख़ाक-ए-हिंद
अब तक असर में डूबी नाक़ूस की फ़ुग़ाँ है
फ़िरदौस-ए-गोश अब तक कैफ़िय्यत-ए-अज़ाँ है
चकबस्त बृज नारायण
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "ناقوس"
नज़्म
अँधेरी रात का मुसाफ़िर
न नाक़ूस-ए-बरहमन है न आहंग-ए-हुदा-ख़्वानी
मगर मैं अपनी मंज़िल की तरफ़ बढ़ता ही जाता हूँ
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
हिन्दोस्तान
नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ाँ से है
मुझ को अगर है इश्क़ तो हिन्दोस्ताँ से है
ज़फ़र अली ख़ाँ
ग़ज़ल
तिरा दम भरते हैं हिन्दू अगर नाक़ूस बजता है
तुझे भी शैख़ ने प्यारे अज़ाँ दे कर पुकारा है
भारतेंदु हरिश्चंद्र
ग़ज़ल
शब कि वो मजलिस-फ़रोज़-ए-ख़ल्वत-ए-नामूस था
रिश्ता-ए-हर-शम'अ ख़ार-ए-किस्वत-ए-फ़ानूस था
मिर्ज़ा ग़ालिब
लेख
شان سابق سے یہ مایوس ہوئے جاتے ہیں بت بھی اب دیر میں ناقوس ہوئے جاتے ہیں...