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कहानी
ज़ुहरा फ़साना न सही मगर मैं तो फ़साना हूँ। वो मर चुकी है। इसलिए मुझे भी मर जाना चाहिए। ये ख़त ...
सआदत हसन मंटो
कहानी
अब तक कई किरदार आए और अपनी ज़िंदगी बता कर, अपनी एहमियत जता कर, अपनी ड्रामाईयत ज़हन नशीन कराक...
कृष्ण चंदर
तंज़-ओ-मज़ाह
तफ़्ता ख़वातीन-ओ-हज़रात, पीर-ओ-मुर्शिद का इरशाद आपने सुन ही लिया, आप आराम कीजिए। ख़ाकसार और ...
कन्हैया लाल कपूर
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नज़्म
अलविदा
लड़कपन की रफ़ीक़ ऐ हम-नवा-ए-नग़मा-ए-तिफ़ली
हमारी ग्यारह साला ज़िंदगी की दिल-नशीं वादी
अब्दुल अहद साज़
कहानी
मुमताज़ की नज़रें बंबई के वसीअ और कुशादा बाज़ारों को अलविदा कहती रहतीं। हत्ता कि टैक्सी अपन...
सआदत हसन मंटो
कहानी
रेजिमेंट आज एक साल के बाद जज़ीरे से वापस लौट रही थी। जवानों का सामान बाँधा जा चुका था और ल...
उमराव तारिक़
कहानी
ग़रीबनवाज़ और रनजीत कुमार एक दूसरे से फ़ीलस के बारे में घुल मिल के बातें तो कर रहे थे मगर अपन...
सआदत हसन मंटो
तंज़-ओ-मज़ाह
मैं अपने इस नए ख़िताब पर हैरान था। शा’इर साहब फ़रमाने लगे, “जनाब बंदा फ़ितरतन रूमान-परस्त है ...
शफ़ीक़ुर्रहमान
कहानी
बच्चा बदस्तूर रो रहा है। धीरे धीरे उसकी आवाज़ में दर्द और दुख की लहरें शामिल होती जा रही है...
सुरेंद्र प्रकाश
ग़ज़ल
तिनके तिनके का ख़ुदा-हाफ़िज़ चले हम बाग़ से
अलविदा' ऐ आशियाँ अब जा के फिर आएँगे क्या