विदाई पर 20 बेहतरीन शेर
किसी को रुख़्सत करते हुए हम जिन कैफ़ियतों से गुज़रते हैं, उन्हें महसूस तो किया जा सकता है लेकिन उन का इज़हार और उन्हें ज़बान देना एक मुश्किल काम है । सिर्फ़ रचनात्मक-अभिव्यक्ति ही इन कैफ़ियतों को पेश कर कर सकती है । यहाँ अलविदा'अ और रुख़्सत की कैफ़ियतों से सर-शार शाइरी का संकलन प्रस्तुत किया जा रहा है।
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अब तो जाते हैं बुत-कदे से 'मीर'
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया
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टैग्ज़: प्रसिद्ध मिसरेऔर 3 अन्य
उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
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टैग्ज़: इश्क़और 3 अन्य
जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है
जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना
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टैग्ज़: दुआऔर 2 अन्य
याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था काजल
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टैग्ज़: जुदाईऔर 2 अन्य
उस से मिलने की ख़ुशी ब'अद में दुख देती है
जश्न के ब'अद का सन्नाटा बहुत खलता है
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टैग्ज़: जुदाईऔर 3 अन्य
एक दिन कहना ही था इक दूसरे को अलविदा'अ
आख़िरश 'सालिम' जुदा इक बार तो होना ही था
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टैग: विदाई