आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "इर्द-गर्द"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "इर्द-गर्द"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "इर्द-गर्द"
अन्य परिणाम "इर्द-गर्द"
ग़ज़ल
बिछा रहा हूँ कई जाल इर्द-गर्द तिरे
तुझे जकड़ने की ख़्वाहिश में कब से बैठा हों
अब्दुर्रहीम नश्तर
ग़ज़ल
मंडला रहा है आज जो साहिल के इर्द-गर्द
तूफ़ान को तो तुम ने इशारा नहीं किया
राम अवतार गुप्ता मुज़्तर
नज़्म
तआ'रुफ़
अपने इर्द-गर्द हर अच्छी बुरी हक़ीक़त का हिस्सा हूँ
मैं सर-ता-पा मोम हूँ