आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ज़िया-ए-हुस्न"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "ज़िया-ए-हुस्न"
ग़ज़ल
ज़िया-ए-हुस्न-ए-जानाँ जागुज़ीँ मालूम होती है
बयाज़-ए-चश्म-ए-दिल अर्श-ए-बरीं मालूम होती है
तबीब आरवी
ग़ज़ल
हम और रस्म-ए-बंदगी आशुफ़्तगी उफ़्तादगी
एहसान है क्या क्या तिरा ऐ हुस्न-ए-बे-परवा तिरा
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
हम लोग
ख़याल-ओ-फ़िक्र के ख़्वाब-आफ़रीं धुँदलकों में
ज़िया-ए-हुस्न-ए-सहर-ताब लाएँगे हम लोग
अज़मत अब्दुल क़य्यूम ख़ाँ
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "ज़िया-ए-हुस्न"
ग़ज़ल
हज़ार रुख़ से वो पर्दा उठा चुके हैं मगर
ज़िया-ए-हुस्न की अब भी नक़ाब बाक़ी है
फ़ज़ल हुसैन साबिर
नज़्म
हसीना-ए-ख़्याल से
हमेशा के लिए इस दाम में महफ़ूज़ हो जाऊँ
ज़िया-ए-हुस्न से ज़ुल्मात-ए-दुनिया में न फिर आऊँ