आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "नज़राना"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "नज़राना"
ग़ज़ल
वही दिल है जो हुस्न-ओ-इश्क़ का काशाना हो जाए
वो सर है जो किसी की तेग़ का नज़राना हो जाए
बेदम शाह वारसी
ग़ज़ल
शाम हुए ख़ुश-बाश यहाँ के मेरे पास आ जाते हैं
मेरे बुझने का नज़्ज़ारा करने आ जाते होंगे
जौन एलिया
नज़्म
नज़राना
क्या कमी है जो करोगी मिरा नज़राना क़ुबूल
चाहने वाले बहुत, चाह के अफ़्साने बहुत
कैफ़ी आज़मी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "नज़राना"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "नज़राना"
ग़ज़ल
यार-ए-नुक्ता-दाँ किधर है फिर चलें उस के हुज़ूर
ज़िंदगी को दिल कहें और दिल को नज़राना कहें